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Anil Ambani Reliance Power: 3 महीनों में दिए मल्टीबैगर रिटर्न

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Anil Ambani Reliance Power: भारतीय शेयर बाजार में हाल ही में एक दिलचस्प ट्रेंड देखने को मिला है। अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) की दो कंपनियों – रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर – ने बीते 3 महीनों में निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न देकर चौंका दिया है।

रिलायंस पावर का शेयर जहां करीब 107% बढ़ा है, वहीं रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने भी लगभग 79% का उछाल दिखाया है। यह तेजी केवल बाजार की सामान्य गतिविधियों का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई मजबूत आर्थिक और तकनीकी कारण हैं, जो संकेत करते हैं कि अनिल अंबानी का समूह एक बार फिर सक्रिय रूप से वापसी कर रहा है।

रिलायंस पावर: घाटे से मुनाफे की ओर

रिलायंस पावर जो कभी कर्ज और घाटे की वजह से निवेशकों की नजरों से गिर गया था, अब एक बार फिर चर्चा में है। पिछले कुछ महीनों में इस कंपनी के प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार देखा गया है। FY25 की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने लगभग ₹2,242 करोड़ के घाटे से उबरकर ₹2,947 करोड़ का मुनाफा कमाया है।

इसके अलावा कंपनी की बैलेंस शीट में भी बड़ा सुधार देखा गया है। प्रमोटरों ने अपनी हिस्सेदारी को मजबूत किया है और कंपनी पर से गिरवी रखे शेयरों का बोझ हटा दिया गया है। इससे निवेशकों का भरोसा फिर से लौटता नजर आ रहा है।

तकनीकी दृष्टिकोण से भी रिलायंस पावर के शेयर ने एक ब्रेकआउट दिखाया है, जो यह दर्शाता है कि निकट भविष्य में इसमें और तेजी देखने को मिल सकती है।

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर: मजबूत परियोजनाओं और नए ऑर्डर्स की बदौलत उछाल

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर भी पीछे नहीं रही। इस कंपनी के शेयर में करीब 79% की तेजी देखी गई है। कंपनी ने FY25 में ₹1,148 करोड़ के घाटे से उबरकर ₹9,177 करोड़ का मुनाफा कमाया है, जो किसी भी कंपनी के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।

कंपनी को हाल ही में जर्मनी की डिफेंस कंपनी डाइहल डिफेंस से बड़ा रक्षा ऑर्डर मिला है, जिससे इसके भविष्य की योजनाओं को मजबूती मिली है। इसके अलावा, मेट्रो ऑपरेशन से भी कंपनी को ₹1,169 करोड़ की पेमेंट प्राप्त हुई है, जिसने इसकी वित्तीय स्थिति को और मज़बूत बनाया है।

इसके साथ ही कंपनी ने अपने कर्ज को घटाने पर भी ध्यान दिया है, जिससे इसकी दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता और बेहतर हो गई है।

निवेशकों की दिलचस्पी क्यों बढ़ रही है?

  1. मजबूत वित्तीय प्रदर्शन: घाटे से मुनाफे की ओर जाने वाली कंपनियां निवेशकों को आकर्षित करती हैं। दोनों कंपनियों ने यह उपलब्धि हासिल की है।
  2. ऑपरेशनल एफिशिएंसी: परियोजनाओं की बेहतर प्लानिंग और ऑर्डर बुक की मजबूती ने ग्रुप की विश्वसनीयता को बढ़ाया है।
  3. तकनीकी संकेत: दोनों स्टॉक्स ने तकनीकी रूप से ब्रेकआउट दिखाया है, जो संभावित रैली का संकेत देते हैं।
  4. प्रमोटर की भागीदारी: प्रमोटर द्वारा गिरवी रखे गए शेयरों की संख्या में भारी कमी आने से शेयर बाजार में सकारात्मक संकेत मिला है।

क्या अनिल अंबानी की वापसी संभव है?

अनिल अंबानी कभी भारत के सबसे अमीर लोगों में शुमार थे, लेकिन बीते एक दशक में उनके समूह की कंपनियों ने भारी कर्ज और परियोजना विफलताओं के चलते गिरावट देखी। अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2024–25 में ग्रुप की प्रमुख कंपनियों ने घाटे से बाहर निकलकर मजबूत लाभ दर्ज किया है। इसके अलावा, कंपनी द्वारा लिए गए कॉर्पोरेट गवर्नेंस और कर्ज नियंत्रण के कदम भी सकारात्मक दिशा में संकेत कर रहे हैं।

सावधानी भी जरूरी

हालांकि, शेयरों में आई इस अचानक तेजी के चलते कुछ जोखिम भी हो सकते हैं:

निष्कर्ष

अनिल अंबानी का समूह एक बार फिर बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने को तैयार नजर आ रहा है। रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की शानदार वापसी ने निवेशकों को नई उम्मीद दी है। हालांकि, दीर्घकालिक निवेश से पहले निवेशकों को पूरी रिसर्च करनी चाहिए और मार्केट की चाल पर नजर बनाए रखनी चाहिए। लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि ADAG ग्रुप अब फिर से रफ्तार पकड़ रहा है और अगर यही रफ्तार जारी रही, तो आने वाले समय में ये कंपनियां एक बार फिर शीर्ष पर दिखाई दे सकती हैं।

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