Reliance Infra Share Price: रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infra) के शेयरों में मंगलवार को जबरदस्त तेजी देखने को मिली, जब कंपनी ने फ्रांसीसी राफेल जेट निर्माता डसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) के साथ एक नई साझेदारी की घोषणा की। इस खबर के बाद रिलायंस इन्फ्रा के शेयर करीब 5% उछलकर ₹192.70 तक पहुंच गए।
यह साझेदारी न केवल कंपनी के भविष्य को लेकर सकारात्मक संकेत देती है, बल्कि भारत की डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं को भी मजबूती देने वाली मानी जा रही है।
Reliance Infra Share Price उछला निवेशकों ने दिखाया भरोसा
खबर के मुताबिक, रिलायंस इन्फ्रा ने जैसे ही डसॉल्ट के साथ अपनी नई रणनीतिक साझेदारी का ऐलान किया, निवेशकों का भरोसा कंपनी पर फिर से बढ़ गया। NSE पर कंपनी का शेयर 5% की बढ़त के साथ ₹192.70 पर बंद हुआ, जो हाल के महीनों में इसका एक मजबूत प्रदर्शन है।
इस तेजी के पीछे सिर्फ पार्टनरशिप की खबर ही नहीं, बल्कि आने वाले समय में डिफेंस सेक्टर में संभावित राजस्व वृद्धि की भी उम्मीद है।
Reliance Infra और Dassault Aviation की क्या है यह साझेदारी?
यह सहयोग डसॉल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड (DRAL) के अंतर्गत होगा, जो दोनों कंपनियों की एक संयुक्त उद्यम इकाई है। DRAL पहले से ही नागपुर में एक फैक्ट्री में ऑपरेशन चला रही है, जहां राफेल जेट्स के पुर्जों का निर्माण होता है।
नई साझेदारी के तहत:
- उत्पादन क्षमताओं में विस्तार किया जाएगा
- भारत में रक्षा उपकरणों की असेंबली और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा
- मेक इन इंडिया योजना को भी मजबूती मिलेगी

मेक इन इंडिया को बढ़ावा
भारत सरकार की मेक इन इंडिया योजना का उद्देश्य है कि देश में ही उच्च तकनीकी रक्षा उपकरण तैयार किए जाएं। DRAL की यह साझेदारी इसी विज़न को आगे बढ़ाती है।
- इससे स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा मिलेगा
- भारत की डिफेंस एक्सपोर्ट क्षमता में सुधार होगा
- विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने की प्रेरणा मिलेगी
क्या होंगे फायदे?
- रोजगार के अवसर: फैक्ट्री विस्तार और नए कॉन्ट्रैक्ट्स के चलते तकनीकी और गैर-तकनीकी क्षेत्रों में रोजगार बढ़ेगा।
- टेक्नोलॉजी ट्रांसफर: डसॉल्ट जैसी कंपनियों से भारत को अत्याधुनिक तकनीक सीखने और अपनाने का मौका मिलेगा।
- रक्षा आत्मनिर्भरता: भारत को आयात पर कम निर्भर रहना पड़ेगा।
- रिलायंस इन्फ्रा की आय में इजाफा: कंपनी की वित्तीय स्थिति बेहतर हो सकती है, जिससे निवेशकों को फायदा होगा।

रिलायंस इन्फ्रा की बैकग्राउंड
- रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी है
- कंपनी का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर, पावर, डिफेंस और ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर पर है
- बीते कुछ वर्षों में कर्ज और धीमे बिजनेस की वजह से यह कंपनी दबाव में रही है
- लेकिन इस नई साझेदारी ने कंपनी में नई जान फूंक दी है
निवेशकों के लिए क्या है संकेत?
- शॉर्ट टर्म में: शेयर में वॉल्यूम बढ़ा है, जिससे ट्रेडर्स को मुनाफे के मौके मिल सकते हैं
- लॉन्ग टर्म में: अगर साझेदारी से कंपनी को बड़े डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट्स मिलते हैं, तो कंपनी की ग्रोथ संभावनाएं बढ़ सकती हैं
- जोखिम: कंपनी के ऊपर अब भी कर्ज का दबाव है, इसलिए निवेश सावधानी से करें

वैश्विक नजरिए से अहम
भारत जैसे देश में डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि यह आर्थिक विकास का भी मजबूत इंजन बन सकता है। डसॉल्ट के साथ रिलायंस इन्फ्रा की यह साझेदारी भारत को इस दिशा में आगे ले जा सकती है।
निष्कर्ष
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और डसॉल्ट एविएशन की नई साझेदारी से कंपनी के शेयरों में उछाल, निवेशकों की उम्मीद और भारत के डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नई दिशा मिलती दिख रही है।
अगर यह रणनीतिक गठबंधन सही दिशा में आगे बढ़ा, तो रिलायंस इन्फ्रा न केवल वित्तीय रूप से वापसी कर सकती है, बल्कि भारत को एक मजबूत रक्षा निर्माता देश बनाने में भी योगदान दे सकती है।