Village Cooking Channel: जब बात यूट्यूब की होती है तो हमारे ज़ेहन में आमतौर पर चमकते किचन, ग्लैमर भरे चेहरे और हाई-टेक कैमरा सेटअप की छवि बनती है। लेकिन अगर कोई आपसे कहे कि तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में खेतों के बीच, लकड़ी की आग पर पकता देसी खाना करोड़ों व्यूज़ बटोर सकता है, तो शायद आपको हैरानी हो।
Village Cooking Channel नाम का यह यूट्यूब चैनल आज ना सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी देसी सादगी और पारंपरिक खाने की वजह से छाया हुआ है। मिट्टी, मसाले, बर्तन और परिवार – यही है इस चैनल की असली पहचान।
Village Cooking Channel की शुरुआत
इस चैनल की शुरुआत हुई थी साल 2018 में। तमिलनाडु के पुदुकोट्टई जिले के एक छोटे से गांव ‘चिन्ना वीरमंगलम’ में रहने वाले M. Periyathambi और उनके पोते-पोतियों ने इसे मिलकर शुरू किया। चैनल की खास बात ये थी कि इसमें कोई तामझाम नहीं था, बस एक पुरानी लकड़ी की रसोई, देसी बर्तन और मिट्टी की महक।
चैनल पर पहला वीडियो साधारण तरीके से शूट किया गया, जिसमें किसी तरह की एडिटिंग या एफेक्ट्स नहीं थे। पर ये सादगी ही इसकी सबसे बड़ी ताकत बन गई।
Village Cooking Channel टीम के सदस्य और उनका योगदान
Village Cooking Channel में मुख्य रूप से एक परिवार के सदस्य काम करते हैं:
- M. Periyathambi – परिवार के मुखिया और सबसे सीनियर कुक
- V. Subramanian, Ayyanar, Murugesan, Muthumanickam, Tamilselvan – पोते, जो खाना पकाने से लेकर वीडियो शूट करने तक हर काम में शामिल रहते हैं
इन सभी का तालमेल इतना अच्छा है कि हर वीडियो में एक अपनापन झलकता है। जब वे खेतों में, तालाब के पास या खुले आसमान के नीचे खाना बनाते हैं, तो दर्शकों को वही देसी खुशबू मिलती है जो अब शहरों में खो चुकी है।

क्या है Village Cooking Channel की खासियत
- बिना किसी गैजेट या गैस के खाना बनाना
- मिट्टी के बर्तनों और पारंपरिक तकनीकों का उपयोग
- ग्रामीण परिवेश में रसोई का अनुभव देना
- हर वीडियो के अंत में जरूरतमंदों को खाना खिलाना
इन विशेषताओं की वजह से चैनल को न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी खूब पसंद किया गया।
राहुल गांधी का वीडियो और अचानक बढ़ी लोकप्रियता
जनवरी 2021 में जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने Village Cooking Channel की टीम के साथ मिलकर मशरूम बिरयानी बनाई और उनके साथ वीडियो शूट किया, तो चैनल रातों-रात चर्चा में आ गया। वह वीडियो देखते ही देखते मिलियन व्यूज़ पार कर गया और चैनल के सब्सक्राइबर तेजी से बढ़ने लगे।

सब्सक्राइबर और कमाई के आंकड़े
आज के समय में Village Cooking Channel के पास 30 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं और हर वीडियो पर करोड़ों व्यूज़ आते हैं। इनकी मासिक कमाई कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ₹1.5 करोड़ से ₹5 करोड़ के बीच मानी जाती है। इसके अलावा उन्हें यूट्यूब का डायमंड प्ले बटन भी मिल चुका है – जो भारत के बहुत कम चैनलों को हासिल हुआ है।
समाज सेवा और दान की भावना
Village Cooking Channel सिर्फ मनोरंजन और कमाई तक सीमित नहीं है। इस चैनल की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वे हर बार जरूरतमंदों को खाना खिलाते हैं। चाहे अनाथालय हो, वृद्धाश्रम हो या गांव के मजदूर – हर वीडियो के अंत में खाना वितरण किया जाता है।
2021 में जब चैनल को 1 करोड़ सब्सक्राइबर मिले, तब उन्होंने ₹10 लाख की राशि तमिलनाडु मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दी थी। इससे उनकी सामाजिक जिम्मेदारी और लोकहित की भावना सामने आती है।

तकनीक और परंपरा का अनोखा मेल
जहां आज के यूट्यूब चैनल CGI, ड्रोन्स और स्टूडियो सेटअप पर निर्भर होते हैं, वहीं Village Cooking Channel अपने पारंपरिक टूल्स और तकनीक पर टिके हैं। उनका कैमरा सेटअप बहुत साधारण है, एडिटिंग भी सीमित होती है, लेकिन उनके कंटेंट में जो आत्मा है, वही उन्हें लाखों दिलों का चैनल बनाती है।
ग्लोबल पहचान और मीडिया में सराहना
Village Cooking Channel की लोकप्रियता को देखते हुए The Hindu, Indian Express, BBC और कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया हाउस ने इन पर रिपोर्ट्स की हैं। The Better India और Logical Indian जैसे प्लेटफॉर्म्स ने उन्हें भारत का सबसे दिल को छूने वाला यूट्यूब चैनल बताया है।
2024 में तमिलनाडु सरकार ने उन्हें Global Investors Meet में भी आमंत्रित किया, जहाँ उन्होंने ‘Creative Economy’ को रिप्रेज़ेंट किया।
निष्कर्ष: एक देसी सपना जो सच हुआ
Village Cooking Channel सिर्फ एक यूट्यूब चैनल नहीं है, यह एक आंदोलन है – ग्रामीण भारत को, उसकी परंपराओं को, उसके स्वाद और संस्कृति को फिर से पहचान दिलाने का। जिस मिट्टी से लोग दूर भाग रहे थे, उसी मिट्टी ने इस परिवार को करोड़ों लोगों का दिल जीतने वाला बना दिया।
अगर आप भी असली भारत को महसूस करना चाहते हैं, तो Village Cooking Channel एक बार जरूर देखिए – वहाँ सिर्फ खाना नहीं बनता, वहाँ संस्कृति पकती है।