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Gayatri Mantra: गायत्री मंत्र – ॐ भूर् भुवः सुवः

Gayatri Mantra

Gayatri Mantra: गायत्री मंत्र हिंदू धर्म का सबसे शक्तिशाली और प्राचीन मंत्र माना जाता है। यह मंत्र वेदों में वर्णित है और इसे संजीवनी मन्त्र भी कहा जाता है। इस मंत्र का नियमित जाप मन को शांति, ऊर्जा, बुद्धि, और सकारात्मकता प्रदान करता है।

गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra)

ॐ भूर् भुवः सुवः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्॥

गायत्री मंत्र का अर्थ (Meaning of Gayatri Mantra)

पूरे मंत्र का सार
“हम उस दिव्य परम प्रकाश पर ध्यान करते हैं, जो हमारी बुद्धि को सत्य मार्ग पर प्रेरित करे।”

गायत्री मंत्र का इतिहास (History of Gayatri Mantra)

गायत्री मंत्र के लाभ (Benefits of Gayatri Mantra)

1️⃣ मानसिक शांति और तनाव कम करता है

इस मंत्र के उच्चारण से मन शांत होता है और तनाव व चिंता कम होती है।

2️⃣ बुद्धि और स्मरण शक्ति बढ़ाता है

गायत्री मंत्र में “धियो यो नः प्रचोदयात्” बुद्धि को शुद्ध और शक्तिशाली बनाता है।

3️⃣ शरीर में ऊर्जा बढ़ाता है

गायत्री मंत्र का कंपन (vibration) शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

4️⃣ नकारात्मकता को दूर करता है

मंत्र जप से वातावरण और मन दोनों शुद्ध होते हैं।

5️⃣ आध्यात्मिक विकास में सहायक

यह मंत्र ध्यान और साधना के लिए उत्कृष्ट माना गया है।

6️⃣ एकाग्रता बढ़ाता है

छात्रों और प्रोफ़ेशनल लोगों के लिए यह मंत्र बेहद लाभदायक है।

गायत्री मंत्र जप करने की सही विधि

  1. सुबह सूर्योदय के समय जप सर्वोत्तम।
  2. पूर्व या उत्तर दिशा में बैठें।
  3. शरीर, मन और आसन स्थिर रखें।
  4. 108 बार जप के लिए रुद्राक्ष या चंदन की माला का उपयोग करें।
  5. मंत्र का उच्चारण साफ़ और धीमी गति में करें।
  6. जप के बाद कुछ मिनट ध्यान करें।

गायत्री मंत्र कब जपें?

गायत्री मंत्र से जुड़ी रोचक बातें

गायत्री मंत्र केवल एक मंत्र नहीं बल्कि ऊर्जा, ज्ञान और शांति का स्रोत है।
जो व्यक्ति नियमित रूप से इसका जप करता है वह मानसिक, आध्यात्मिक और शारीरिक रूप से अधिक सशक्त बन जाता है।

यदि आप जीवन में सकारात्मक बदलाव चाहते हैं तो प्रतिदिन 5–10 मिनट गायत्री मंत्र जपना शुरू करें—आप स्वयं अंतर महसूस करेंगे।

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