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Hanuman Ji Bhajan: Jai Jai Shri Ram ke Pyare Lyrics

Hanuman Ji Bhajan

Hanuman Ji Bhajan: हनुमान जी को संकट मोचन कहा जाता है। वे ऐसे देवता हैं जो अपने भक्तों के सभी कष्ट और दुख हर लेते हैं। उनका नाम लेते ही मन में साहस, आत्मविश्वास और शक्ति का संचार होता है। यही कारण है कि “जय जय श्रीराम के प्यारे, संकट मोचन वीर हमारे” जैसे भजन हर घर-घर में गाए और सुने जाते हैं।

Hanuman Ji Bhajan

Hanuman Ji Bhajan का महत्व

हनुमान जी को भगवान श्रीराम का परम भक्त माना जाता है। उन्होंने जीवनभर भगवान राम की सेवा और भक्ति को ही सर्वोपरि माना। वे केवल बल, पराक्रम और बुद्धि के देवता ही नहीं बल्कि करुणा, भक्ति और समर्पण की मूर्ति भी हैं।

जय जय श्रीराम के प्यारे भजन की विशेषता

यह भजन सिर्फ संगीत नहीं, बल्कि आस्था और शक्ति का स्रोत है।

Hanuman Ji Bhajan सुनने के लाभ

✔️ मानसिक तनाव और चिंता से मुक्ति
✔️ आत्मविश्वास और साहस की वृद्धि
✔️ रोग-शोक और संकट से रक्षा
✔️ परिवार में सुख और एकता का वातावरण

Hanuman Ji Bhajan की भक्ति में डूबें

यदि आप अपने जीवन में साहस, शक्ति और शांति की तलाश में हैं तो हनुमान जी का यह भजन आपके लिए अमृत समान है। “जय जय श्रीराम के प्यारे, संकट मोचन वीर हमारे” का रोजाना श्रवण करें और हनुमान जी की कृपा का अनुभव करें।

जय जय श्रीराम के प्यारे लिरिक्स

जय जय श्रीराम के प्यारे, संकट मोचन वीर हमारे।

रघुकुल की लाज बचाई,तूने लंका को जलवाया।।

शक्ति का तू सागर है, भक्ति तुझमें बहती

राम नाम का जपते-जपते, तूने महिमा कहती।

हे अंजनी सुत बलदायी, तेरी कृपा सबसे भारी।

हर मन में तू बसा है, तू ही है रखवाली।

हनुमान मेरा प्राण है, राम तेरा गान है।

तेरे बिना अधूरी सी, ये जीवन की जान है।।

बजरंगबली आएंगे, दुःख सारे हर जाएंगे।

जय जय हनुमान की गूँजे, घर-घर में शंख बजेंगे।।

पवनसुत तू तेज का रूप, तेरे जैसे नहीं कोई दूज।

गदा उठाकर चला जहां, वहाँ मिटे हर एक दू:ख।।

तेरा नाम जपें जो मन से, उनका भाग्य निखर जाए,

सच्चे दिल से तुझे पुकारे, हर संकट दूर भगाए।

भूत-पिशाच निकट न आवे, तेरे चरणों में जो पावे।

राम का तू दूत है प्यारा, संकट में सबसे सहारा।।

हनुमान मेरा प्राण है, राम तेरा गान है।

तेरे बिना अधूरी सी, ये जीवन की जान है।।

बजरंगबली आएंगे, दुःख सारे हर जाएंगे।

जय जय हनुमान की गूँजे, घर-घर में शंख बजेंगे।।

सुन्दर रूप, विशाल शरीर, हृदय में बसाए राम का तीर।

सीता माता की खोज में, पार किया तूने सागर गंभीर।।

तेरे दर्शन मात्र से मिटे, जीवन के सब रोग,

तू है गुरु, तू है संत, तू है राम के संयोग।

हे कपिराज, भक्तन के स्वामी, तेरे चरणों में जीवन थामी।

जो तुझे स्मरण करे सवेरे, उसे मिल जाए भव सागर किनारे।

हनुमान मेरा प्राण है, राम तेरा गान है।

तेरे बिना अधूरी सी, ये जीवन की जान है।।

बजरंगबली आएंगे, दुःख सारे हर जाएंगे।

जय जय हनुमान की गूँजे, घर-घर में शंख बजेंगे।।

जब जले लंका रावण की, तब तेरा रूप था अग्निपुंज।

भक्तों के लिए बना ढाल, राक्षसों के लिए वज्रकुंज।।

तू ध्वज है धर्म का, तू दीपक अंधकार का,

तेरे बिना अधूरी कहानी, राम नाम के यार का।

तेरी गदा की चोट से, झुके अहंकारी रावण भी।

तेरी भक्ति के भाव से, हारे काल के काल भी।।

हनुमान मेरा प्राण है, राम तेरा गान है।

तेरे बिना अधूरी सी, ये जीवन की जान है।।

बजरंगबली आएंगे, दुःख सारे हर जाएंगे।

जय जय हनुमान की गूँजे, घर-घर में शंख बजेंगे।।

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